सेंट सोल्जर स्कूल बना लूट का अड्डा, अभिभावकों से अवैध वसूली के गंभीर आरोप

 सेंट सोल्जर स्कूल बना लूट का अड्डा, अभिभावकों से अवैध वसूली के गंभीर आरोप

टोंक (फिरोज उस्मानी)।राजस्थान सरकार के स्पष्ट निर्देशों और नियमों के बावजूद टोंक जिले के निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी पर कोई लगाम नहीं लग रही है। ऐसा ही एक ताजा मामला टोंक शहर के प्रतिष्ठित माने जाने वाले सेंट सोल्जर सीनियर सेकेंडरी स्कूल से सामने आया है, जहां स्कूल प्रशासन पर शिक्षा के नाम पर अवैध वसूली और कमीशनखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं।


पीड़ित अभिभावक नरेंद्र कुमार सैनी ने बताया कि उनकी बेटी सेंट सोल्जर स्कूल में पढ़ती थी। जब उन्होंने स्कूल संचालक बाबूलाल शर्मा को फीस जमा कराने के लिए संपर्क किया, तो संचालक ने किताबों की कीमत को भी अनिवार्य रूप से फीस में जोड़कर वसूली कर ली। जब सैनी ने इसका विरोध किया, तो उन्हें "यह स्कूल का नियम है" कहकर चुप करा दिया गया और स्कूल के बाहर स्थित बिहारी बुक डिपो से किताबें खरीदने का फरमान थमा दिया गया।


कुछ दिन बाद जब वह किताबें लेने डिपो पर पहुंचे, तो वहां के दुकानदार ने साफ तौर पर कहा कि “स्कूल से हिसाब कर लिया गया है, पैसे स्कूल संचालक को कमीशन के तौर पर वापस दे दिए गए हैं।” इस खुलासे ने स्कूल प्रशासन की नीयत और नीतियों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।


स्कूल प्रशासन की बेरुखी

नरेंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने कई बार स्कूल प्रशासन से किताबों के पैसे वापस करने की मांग की, लेकिन हर बार उन्हें टाल दिया गया। एक बार तो उन्हें स्कूल बुलाकर ऑफिस में बैठाया गया, और खुद बाबूलाल शर्मा गायब हो गए। निराश होकर उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से भी शिकायत की, लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इतना ही नहीं, उन्होंने करीब 10-15 बार 181 शिकायत हेल्पलाइन पर भी शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन नतीजा शून्य रहा।


शिक्षा के नाम पर धंधा

यह मामला शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे व्यावसायीकरण और अवैध वसूली के उस कड़वे सच को सामने लाता है, जिसमें न केवल अभिभावकों को मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है।


प्रशासन और सरकार की चुप्पी क्यों?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पीड़ित ने कई मंचों पर शिकायत दर्ज कराई, तो प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की? क्या निजी स्कूलों को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है?..

टिप्पणियाँ

  1. उत्तर
    1. ऐसे बहुत सारे पीड़ित है परन्तु डर के मारे चुप है बड़े शिक्षा माफिया है दुनिया की नज़रों में भामाशाह लूट की राशि धर्म पुण्य में भी खर्च होती है स्कूल मे सर्व जातीय निःशुल्क सम्मेलन करवा के दुनिया की नज़रों में भामाशाह बने हुए हैं

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  2. ऐसे प्राइवेट स्कूलों पर कठिन से कठिन कार्यवाही हो और सभी प्राइवेट स्कूलों की जांच हो।

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    1. इन सभी प्राइवेट स्कूल वालों का बिहार बुक डिपो से कमीशन सेट हो रखा है यह लोग अपनी मनमानी कीमत से बुक्स के पैसे वसूल रहे हैं बुक सेलर के खिलाफ भी एक्शन लेना चाहिए

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  3. टोंक जिले के अंदर सभी प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा के नाम पर लूट मचा रखी है यह सब कुछ शिक्षा अधिकारियों की देखरेख में हो रहा है फिर भी इनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है ऐसे स्कूलों को तुरंत प्रभाव से एक्शन लेना चाहिए

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